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भौगोलिक सूचना

जनपद जौनपुर वाराणसी मण्‍डल के उत्‍तरी- पश्‍चि‍मी भाग में स्‍थि‍त है। इसका भू-भाग 25.24 और 26.12 के उत्‍तरी अक्षांश तथा 82.7 और 83.5 पूर्वी देशान्‍तर के मध्‍य में है। यह समुद्र सतह से 261-290 फीट की उचॉई पर बसा हुआ है। जनपद का समपूर्ण भू-भाग समतल है, केवल नदि‍यों की घाटि‍यों का भू-भाग असमतल है। गोमती एवं सई यहॉ की प्रमुख एवं अनवरत बहने वाली नदि‍यॉ है। इसके अति‍रि‍क्‍त वरूणा, बसुही, पीली, मामुर एवं गांगी यहॉ की छोटी नदि‍यॉ है। गोमती एवं बसुही जनपद को लगभग 4 समानान्‍तर भू-खण्‍डों में वि‍भक्‍त करती है। बलुई, दोमट, उसर तथा मटि‍यार मुख्‍यत: भूमि‍ है। बाढ ग्रस्‍तता की आपदा से प्राय: जनपद प्रभावि‍त रहता है।
खनि‍ज पदार्थो का अभाव है। खुदाई करने पर कही-कही कंकड उपलब्‍ध होता है, जि‍से जलाकर चूना बनाया जाता है। बालू एवं कंकड से प्राप्‍त चूना भवन र्नि‍माण के काम में आता है।
जनपद का न्‍यूनतम तापक्रम 5.8 एवं उच्‍चतम तापक्रम 46.5 सेंटीग्रेड के मध्‍य रहता है। औसत सामान्‍य वर्षा 987 मि‍मी है। जनपद में 21 वि‍कास खण्‍ड तथा 6 तहसीलें है।
जनपद का भौगोलि‍क क्षेत्रफल 4021 वर्ग कि‍मी है। जनपद का आर्थि‍क वि‍कास मुख्‍य रूप से कृषि‍ पर आधारि‍त है। इसका मुख्‍य कारण जनपद में भारी उद्योग का न होना है। वाराणसी- जौनपुर मार्ग पर कई उद्योग खुल रहे है। सतहरि‍या में भी पेप्‍सी, हॉकि‍न्‍स एवं कुछ उद्योग लगे हुए है। पशुपालन के आधार पर एक डेरी उद्योग अलीगंज में स्‍थापि‍त कि‍या गया है। जनपद की 3/4 जनसंख्‍या कृषि‍ पर आधारि‍त है।